गुलाब की खेती से बंशीलाल पाटीदार को मिली आर्थिक समृद्धि 

धार। जिले के ग्राम जाबड़ा के उन्नत कृषक बंशीलाल केशवलाल पाटीदार पहले पुराने तरीके से पारम्परिक खेती करते थे जिससे उनकी आमदनी कम हो पाती थी। अन्य किसानों को देखकर तथा उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले से जानकारी प्राप्त होने पर खेती करने के तरीकों में आमूलचूल परिवर्तन किया और समय-समय पर आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों में भाग लेकर नई-नई तकनीके सीखी और उन तकनीकों को अमल में लाना शुरू किया। गुलाब की खेती से उनको आर्थिक समृद्धि मिली है आज उनके पास 11 एकड़ कृषि भूमि हैं। उनके पास कुँआ उपलब्ध हैं और तालाब से पानी पाईप लाइन के माध्यम से खेत तक लाया गया हैं। आधा एकड़ में पॉली हाउस स्थापित किया हैं जिसमें गुलाब की खेती कर रहे हैें। आधे एकड़ में नेट हाउस स्थापित किया गया हैं जिसमें शिमला मिर्च लगाई गई हैं। 2 एकड़ क्षेत्र में इस्ट्राबेरी, 2 एकड़ क्षेत्र में अमरूद का बगीचा, 1 एकड़ क्षेत्र में अदरक और 1 एकड़ क्षेत्र में निम्बू का उद्यान विकसित किया गया हैं। शेष भूमि में गेहूं तथा लहसन की खेती कर रहें हैं। गुलाब के पौधे 10 रूपये प्रति पौधे के मान से 12 हजार पौधे पॉली हाउस में लगाएं गए हैं। पौधे महाराष्ट्र प्रदेश के तलेगांव की नर्सरी से क्रय कर लगाए गए हैं। वह इस गुलाब की खेती में गोबर, एनपीके, सूक्ष्म तत्व के उवर्रक उपयोग में कर रहे हैं और ड्रीप से सिंचाई व सावरिंग (सावर) के माध्यम से पौधों को पानी प्रदाय कर रहे हैं। गुलाब की खेती में 500 से 800 स्टीक (डण्डी) प्रतिदिन निकलती हैं। यह फूल की डण्डी 4 से 10 रूपये प्रति नग के हिसाब से बिकती हैे जो कि भोपाल, इन्दौर, जयपुर, कोटा आदि मण्डियों में पहुंचाया जाता हैं उन्हें सभी फसलों से लगभग 13 लाख रूपये की आमदनी हो जाती हैं।