खाद्य प्रस्ंसकरण में ढेरों हैं नए मौके

हाल ही में भारत सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्टर समिट में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को तेजी से विकास कर रहे क्षेत्रों में गिना गया है। जाहिर है कि यहाँ नौकरियों और व्यापार के बेहतर अवसर बनते दिख रहे हैं। खाद्य प्रसंस्करण यानी फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण स्तर पर युवाओं के लिये अनेक अवसर बन रहे हैं। इस क्षेत्र में खाद्य पदार्थों को स्वास्थ्यपरक तरीके से नया रूप देकर संरक्षित किया जाता है। कंफेडरेशन ऑफ इण्डियन इंडस्ट्री के अनुसार भारतीय खाद्य उत्पादों का बाजार विविधता से भरा है। इसके निचले स्तर पर कच्चे दूध का बड़ा बाजार है, जो सीधा ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ता है। शुद्ध मिल्क, स्वदेश मिल्क प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पीयूष उपाध्याय कहते हैं, भारत में किसी दूसरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा मवेशी पाले जाते हैं। डेयरी का काम एक इंडस्ट्री का रूप ले चुका है। वहीं शहरी क्षेत्रों में कम्पनियाँ लोगों की जरूरतों को समझते हुए सोयाबीन, सी फूड, फलों को संरक्षित कर तुरन्त खा सकने वाले उत्पाद के तौर पर बाजार में उतार रही हैं।



तकनीकी पेशेवरों के लिये बेहतर मौके
पैकेटबन्द खाद्य उत्पादों के निर्माण में फूड साइंटिस्ट व इंजीनियर और आगे की प्रक्रिया में फूड केमिस्ट व माइक्रोबायोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ती है। इसमें वेटरिनरि साइंस व फूड साइंस में इंजीनियर पेशेवरों के लिये भी मौके हैं। बी.फार्मा, बायोटेक और केमिस्ट्री व लाइफ साइंस से ग्रेजुएट व पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों के लिये भी रोजगार है। सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के डीन डॉ. रमेश चंद्रा का कहना है कि हर साल फूड व डेयरी टेक्नोलॉजी व इससे जुड़े संस्थानों के छात्रों को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट मिल रहा है। कई संस्थान डिप्लोमा व मास्टर डिग्री के कई नए कोर्स करा रहे हैं। डेयरी टेक्नोलॉजी में चार साल के बीटेक या बीएससी कोर्स के साथ इण्डियन डेयरी डिप्लोमा के दो वर्षीय पाठ्यक्रम पहले से ही चल रहे हैं।


इन पदों की बढ़ रही है माँग
डेयरी केमिस्ट/फ्लेवर केमिस्ट : इसके लिये स्वाद को जानने-समझने वाले युवाओं को चुना जाता है। फूड/फ्लेवर केमिस्ट के डिग्री व डिप्लोमा स्तर के कई कोर्स उपलब्ध हैं। शुरुआत में लगभग 20 हजार रुपए प्रतिमाह और अनुभवी युवा को 50 हजार प्रतिमाह तक का वेतन मिल सकता है।


सेल्स एक्जीक्यूटिव: 
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में सेल्स से जुड़े पेशेवरों के लिये ढेरो मौके हैं, खासकर मार्केटिंग में एमबीए के लिये। बेहतरीन प्रबन्धन व मार्केटिंग स्किल्स का होना जरूरी है। अच्छे इंस्टीट्यूट से मार्केटिंग में डिग्री या डिप्लोमा प्रोफाइल में चार चाँद लगा सकते हैं।


प्रोडक्शन इंजीनियर: 
किसी फूड प्रोसेसिंग कम्पनी में प्रोडक्शन इंजीनियर बनने के लिये प्रोडक्शन इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग व मेंटिनेंस में डिग्री होना जरूरी है। शुरुआत 25 हजार प्रतिमाह से हो सकती है।


माइक्रोबायोलॉजिस्ट: 
फूड व डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट में माइक्रोबायोलॉजी में मास्टर्स या डिप्लोमा के बाद आप आवेदन कर सकते हैं। शुरुआत में माइक्रोबायोलॉजिस्ट 30 हजार प्रति महीना तक कमा लेते हैं।


एग्रीकल्चर ऑफिसर: 
एग्रीकल्चर में बीएससी व मास्टर डिग्री या टेक्नोलॉजी से जुड़े डिग्री व मैनेजमेंट के कोर्स कर रहे युवा इस पेशे को अपना सकते हैं। वेतन लगभग 25 हजार रुपए प्रतिमाह से शुरू होगा।


क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर 
खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने का जिम्मा इन पेशेवरों पर होता है। शुरुआती वेतन लगभग 50 हजार रुपए प्रतिमाह होगा।


फील्ड सुपरवाइजर 
सामान्य ग्रेजुएट के लिये इस क्षेत्र में अनेक मौके हैं। यहाँ सैलरी 16 हजार रुपए प्रतिमाह से शुरू हो सकती है। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में युवा बैक्टीरियोलॉजिस्ट, टॉक्सिकोलॉजिस्ट, फूड टेक्नोलॉजिस्ट, फूड बैच मेकर्स, बेकर्स, फूड कुकिंग व मशीन ऑपरेटर्स के तौर पर भी अपनी सेवाएँ देते हैं।


स्टार्टअप के लिये है अनुकूल
हाल ही में सरकार द्वारा दी गई 6 हजार करोड़ की सब्सिडी से डेयरी इंडस्ट्री में तेजी आई है। आने वाले सालों में इस क्षेत्र के स्टार्टअप को अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद है। वहीं बीच के स्तर पर कई नौकरियाँ भी आ रही हैं। टेक्नोलॉजी, एमबीए, क्वालिटी कंट्रोल से जुड़े पदों पर कम्पनी को अच्छे कर्मचारियों की तलाश है। विदेश में भी भारतीय खाद्य पदार्थों का अच्छा बाजार है।


कैसे बढ़ाएँ कदम
फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी में 12वीं के बाद कुछ संस्थानों में फूड प्रोसेसिंग कोर्सेज में प्रवेश परीक्षा होती है। आईआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिये कैट परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। इग्नू में भी कोर्स उपलब्ध हैं। 


बीटेक स्तर पर प्रमुख 
1. बीटेक इन फूड इंजीनियरिंग 
2. बीएससी फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन ऊँचे पदों के लिये मास्टर्स स्तर के प्रमुख कोर्स है।
3. एमटेक इन फूड प्रोसेसिंग इंजीनियरिंग।
4. एमएससी इन फूड साइंस।
5. पीएचडी इन फूड साइंस।


बैचलर डिग्री के बाद डिप्लोमा कोर्स 
1. एडवांस डिप्लोमा इन फूड साइंस एंड क्वालिटी कंट्रोल।
2. डिप्लोमा इन फूड प्रिजर्वेशन।


12वीं के बाद सर्टिफाइड कोर्स भी किया जा सकता है। फूड प्रोसेसिंग में ग्रेजुएशन के बाद या नौकरी के साथ-साथ या फिर मास्टर डिग्री के बाद प्रोफाइल को मजबूत बनाने के लिहाज से ये अच्छे हैं।
1. सर्टिफाइड कोर्स इन फूड एंड बेवरेज साइंस। 
2. सर्टिफाइड कोर्स इन फूड प्रोडक्शन।
3. क्राफ्ट्समैनशिप कोर्स इन फूड साइंस।