कांग्रेस का दावा: भाजपा सरकार में घट गया खेती का रकबा

एनकेएम,भोपाल
राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता अन्नदाता किसान की समृद्धि है। राज्य सरकार ने अपने वचन पत्र के अनुसार जय किसान फसल ऋण माफी योजना लागू कर किसानों को ऋणमुक्त करने का अभियान चलाया है। पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7154 करोड़ 36 लाख रूपये के ऋण माफ किये गये हैं। दूसरे चरण, जो शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है, इसमें 12 लाख 2 हजार 78 ऋण खाताधारक किसानों के ऋण माफ किये जाएंगे। पिछले चार साल में भाजपा सरकार के कार्यकाल में एवरेज खेती का रकबा लगातार कम होता रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा 28 सितम्बर 2018 को जारी एक रिपार्ट में भी कहा गया था कि मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार सीमांत किसान की औसत जोत मात्र 0.49 हेक्टेयर रह गई थी और खेती का रकबा एक लाख 66 हजार हेक्टेयर कम हो गया था।किसान-कल्याण और कृषि विकास मंत्री सचिन यादव ने पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए मंत्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में किसान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो गया था। मंत्री यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने कृषि के क्षेत्र में विरासत में मिली बदहाल स्थिति को समृद्धता की ओर ले जाने का निश्‍चय किया है। इसके लिए किसानों को हर कदम पर हर तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है। गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्‍चित करने के लिए प्रदेश में 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान न सिर्फ बीज, उर्वरक और कीटनाशक के मानक स्तर का परीक्षण किया जा रहा है बल्कि कम मात्रा में सामग्री विक्रय, अनाधिकृत विक्रय, कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर विक्रय आदि पर भी गंभीरता से कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में 5 मार्च 2019 को 'जय किसान समृद्धि योजना' लागू कर रबी सीजन 2019-20 के लिए कृषि उपज मंडी एवं ई-उर्पाजन केंद्र के माध्यम से किसान द्वारा विक्रय किये गये गेहूँ पर 160 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। योजना में 92 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूँ विक्रय करने वाले 11 लाख 79 हजार किसानों को 1463 करोड़ 42 लाख की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।  



केन्द्र ने अब तक नहींदी राहत राशि
मंत्री यादव ने बताया कि प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। लगभग 55 लाख किसानों की 60 लाख हेक्टेयर की फसलें खराब हुईं। हमने किसानों की फसलों की क्षतिपूर्ति, जान-माल और अधोसंरचना के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से 6621 करोड़ 28 लाख रूपये की सहायता देने का आग्रह किया है, किन्तु अब तक केन्द्र की ओर से कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि किसान की सबसे बड़ी ताकत फसल बीमा की राशि होती है। राज्य सरकार ने इस भीषण प्राकृतिक आपदा में खरीफ वर्ष 2019 में फसल बीमा के राज्यांश अग्रिम की राशि 509.60 करोड़ का भुगतान बीमा कंपनियों को कर दिया है, लेकिन केन्द्र सरकार ने इस मद में भी राज्यांश राशि 2301 करोड़ रूपये का भुगतान अभी तक नहीं किया है।
 भावांतर के भी 1017 करोड़ नहीं दिये केन्द्र ने
राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के समय का खरीफ 2018 के फ्लैट भावान्तर योजना में मक्का फसल के लिये 2 लाख 60 हजार किसानों को 514 करोड़ रूपये का भुगतान किया है। मंत्री यादव ने बताया कि इस मामले में भी केन्द्र, मध्यप्रदेश के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है। खरीफ 2017 के भावांतर के 576 करोड़, खरीफ 2018 के 321 करोड़ और अतिरिक्त 6 लाख मी. टन के 120 करोड़ अर्थात कुल 1017 करोड़ रूपये केन्द्र द्वारा मघ्यप्रदेश को अब तक नहीं दिये गये हैं।