इंदौर। जिले में यूरिया खाद का संकट गहरा रहा है। किसान अपना खेतों का काम छोड़कर सुबह 8 बजे से खाद के लिए लाइन में लगने को मजबूर हैं। लक्ष्मीबाई अनाज मंडी स्थित खाद गोदाम पर सुबह से ही किसानों की लाइन लग जाती है। इसके बाद भी किसान खाली हाथ ही लौट रहे हैं।
कलेक्टर के आदेश के बावजूद कृषि विभाग के अधिकारियों के मिलीभगत से यूरिया खाद का संकट गहरा नजर आ रहा है। लंबी लाइन में लगने के बावजूद किसानों को पर्याप्त यूरिया खाद नहीं मिल पा रही है। खाद की कालाबाजारी जोरों पर है। सहकारी समितियों द्वारा निर्धारित दर के बावजूद बाजार में किसानों से अधिक दाम वसूले जा रहे हैं। कृषि अधिकारी इस बात की सुध नहीं ले रहे हैं या फिर उनकी साठगांठ से ही पूरा कारोबार चल रहा है। सेवा सहकारी समितियों में किसान सदस्यों को भी रासायनिक खाद सरकारी निर्धारित दर से उंचे दामों पर दिया जा रहा है। ऐसे में सेवा सहकारी समिति का कोई मतलब नहीं रह गया। जबकि, शासन द्वारा रासायनिक खाद के बिक्री मूल्य की सूची भी चस्पा की गई है। कलेक्टर के आदेश के बावजूद कृषि विभाग के बड़े अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ कर्मचारी आदेश का पालन नहीं करवा पा रहे हैं। कृषि उपसंचालक कृषि विजय चौरसिया भी लगता है आंख बंद करके बैठे हैं।