भोपाल। स्व सहायता समूह महिलाओं की शक्ति को जागृत कर रहे हैं और जीवन को संवार रहे हैं। यह कहना है ग्राम आमला निवासी श्रीमती राधा मालवीय का। राधा बताती है कि पति मजदूरी करते हैं, चार बच्चों का साथ है, मजदूरी में उनकी आमदनी इतनी नहीं होती कि परिवार का गुजर बसर आसानी से हो सके। श्रीमती राधा बताती हैं कि इन कठिन परिस्थितियों में राधा ने कुछ करने की ठानी। काफी भागदौड़ करने के पश्चात उन्हें महिलाओं के उपक्रम स्वसहायता समूह की जानकारी मिली। वे तुरंत पंचायत के माध्यम से राधा कृष्ण स्वसहायता समूह से जुड़ गई और रूपये पांच हजार का ऋण प्राप्त किया। उन्होंने इस राशि से खिलौने खरीदकर आसपास के गांव के मेलों में बेचने का व्यवसाय किया।
वे बताती हैं कि धीरे-धीरे आमदनी होने पर मनिहारी की दुकान मेलों में लगाकर चूड़ियां- बिंदियां तथा अन्य महिलाओं की सौंदर्य सामग्री बेचना शुरू किया। वे यहीं नहीं रूकी, उन्होंने देखा कि गांव की महिलाओं को साड़ी एवं अन्य वस्त्र खरीदने बाहर जाना पड़ता है। इन महिलाओं को आने जाने में लगने वाले किराये के साथ साथ अन्य परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है, तो उन्होंने साड़ियों का व्यवसाय आरंभ किया। वे शहर से साड़ियां खरीद कर गांव में बेचने लगीं। इससे फायदा यह हुआ कि गांव की महिलाओं को घर बैठे ही उचित दाम पर साड़ियां मिलने लगी और राधा का व्यवसाय भी तेजी से चल निकला। राधा बहुत प्रसन्न है, वह कहती है कि शासन की यह योजना महिलाओं की नारी शक्ति को जागृत कर रही है। समूह से जुड़कर महिलाओं को घर से बाहर निकलकर स्वयं की पहचान बनाने का अवसर मिलता है। उन्हें लगता है कि हम भी कुछ कर सकते हैं, वह सभी महिलाओं की ओर से शासन को धन्यवाद देती है।
राधा के परिवार को स्वसहायता समूह ने दिया सहारा