गेहूं की जैविक खेती करनी है तो ऐसे करें बीजोपचार 

एनकेएम
जैविक गेंहू काफी सेहतमंद होता है। सही मायने में यदि इसका निरंतर सेवन किया जाए तो कई बीमारियां स्वत: ही खत्म हो सकतीं है। किसान भाई देश को सेहतमंद बनाने में अपना योगदान देना चाहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा जैविक खेती करें। गेंहू की जैविक खेती के लिए सबसे पहले जरूरत होती है बीज की। और इसे उपचारित करने की। 


बीज की मात्रा 
बीज मात्रा- गेहूं की जैविक खेती के लिए बीज की मात्रा समय, मिट्टी में नमी, बुवाई की विधि एवं किस्मों के दानों पर निर्भर करती है। जल्दी और समय से बुवाई के लिए 100 से 125 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर बीज पर्याप्त होता है। देर से बुवाई में 125 से 130 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर बीज मात्रा ठीक रहती है। गेहूं की जैविक फसल हेतु मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांशतः बुवाई खुड़ों में बुआई और छिटकवां विधि से की जाती है। छिटकवां विधि फसल की बढ़वार, खरपतवार एवं रोग नियन्त्रण आदि के दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं है। अतः बीज की बुवाई कतारों में की जानी चाहिए।


कैसे करें बीजोपचार 
गेहूं की जैविक खेती के लिए बुवाई पूर्व बीज को जैव उर्वरकों से उपचारित करें, 1 किलोग्राम बीज उपचार के लिए 5 से 10 ग्राम ऐजेटोबेक्टर एवं 5 से 10 ग्राम पी.एस.बी. जीवाणु खाद पर्याप्त होती है। गेहूं की जैविक खेती के लिए 3 से 5 घंटे पूर्व बीज को उपचारित करें, इसके लिए एक किलोग्राम बीज एक साफ बर्तन में लें। इसमें पानी के छींटे मार कर गीला कर लें। इसमें 5 से 10 ग्राम पी.एस.बी., 5 से 10 ग्राम एजेटोबेक्टर पाउडर डाल कर, जीवाणु खादों की पर्त बीजों पर चढ़ा लें, तत्पश्‍चात बीज को छाया में सुखा लें, सूखने के तुरन्त बाद बीज की बुवाई प्रातः या सायंकाल में करें। जीवाणुखाद युक्त बीज को तेज धूप में नहीं बोना चाहिए।



गेहूं की जैविक फसल के लिए बुवाई के समय खेत में नमी का होना आवश्यक है। बुवाई हल द्वारा कूड़ो में 4 से 5 सेंटीमीटर गहराई में करें। पंक्तियों की दूरी 19 से 23 सेंटीमीटर रखें। यदि बुवाई में देरी हो तो पंक्तियों की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखें, जिससे इकाई क्षेत्र में पौध संख्या बढ़ जाती है और देर से बुवाई द्वारा उपज में हास काफी हद तक कम हो जाता है।