नेशनल कृषि मेल संवाददाता
किसान भाइयों अगर आप पूरी मेहनत से कृषि कर रहें है और उसके बाद भी आपको मुनाफा नही हो रहा है, तो जरुरत है आपको कृषि का तरीका बदलने की। सबसे पहले आपको बताते हैं फसल चक्र किसे कहते हैं फसल चक्र यानि कि क्राप रोटेशन में अलग-अलग तरह की फसलों को तय समय में तय क्रम के आधार पर बोने की विधि को फसल चक्र कहा जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपकी भूमि की जैविक, रसायनिक और भौतिक दशाओं में संतुलन आता है। और आपकी फसलों की गुणवत्ता और पोषकता भरपूर मात्रा में मिलती है। फसल चक्र में साल व दो साल की में उगाई जाने वाली फसलों की जातियों को आपस में बदला जाता है। जिस कारण से आपकी जमीन से कीटों और बीमारियों का चक्र भी आसानी से टूट जाता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने लग जाती है। इसके अलावा मिट्टी में कार्बन तत्वों की मात्रा भी बढ़ जाती है। और आपकी भूमि में बिना किसी रसायन के उपयोग से अच्छी से अच्छी फसल उग सकती है।
फसल चक्र से मिलने वाले लाभ
(1) खरपतवार का सफाया अपने आप ही हो जाता है।
(2) फसल चक्र को अपनाने से हानिकारक रोगए कीड़े और उनके साथ उगने वाली घासपात भी खत्म हो जाती है।
(3) फसल चक्र से आपको अधिक उपज मिलती है।
(4) भूमि में कार्बनिक चीजों की कमी निराई-गुडाई वाली फसलें जैसे प्याज व आलू आदि की वजह से होती है। ऐेसे में आप जब दलहन की फसल व हरी खाद का इस्तेमाल करते हैं तब आपकी जमीन में कार्बनिक तत्व वापस बना रहता है।
(5) भूमि में नाइट्रोजन बढ़ता है। जब आप दलहन की फसलों को बोते हो तब भूमि के अंदर ये फसलें नाइट्रोजन की गांठे बना देती हैं।
(6) कम समय वाली फसलों जैसे पालक, मूंग और चुकन्दर आदि का भी बो सकते हो।
(7) हर बार एक ही फसल बोने से भूमि में विषैले पदार्थ हो जाते हैं। फसल चक्र अपनाते समस्या से बच सकते हो।
(8) फसल चक्र से आपका खेत पूरे साल चल रहा होता है और किसान खाली नहीं बैठते हैं।फसल चक्र का सिद्धांत क्या है?
(9) दलहन की फसलों के बाद खाघन्न फसलों को उगाएं।
(10) अधिक पानी वाली फसलों के बाद कम पानी चाहने वाली फसलों को उगाएं।
(11) गहरी जड़ वाली फसलों के बाद उथली जड़ वाली फसलों को उगाएं।
(12) कम पोषक तत्व वाली फसलों को बोने के बाद अधिक पोषक वाली फसलों को उगाएं।
(13) जो फसलें दूर-दूर पंक्तियों में उगाई जाती हैं उनके बाद घनी बोयी जाने वाली फसलों को उगाएं।
(14) दो से तीन साल तक तक फसल चक्र को अपनाने के बाद थोड़े समय के लिए खेतों को खाली छोड़ा जाए।
(15) एक ही तरह की बीमारी से प्रभावित होने वाली फसलों को लगातार ना लगाएं। नहीं तो आपको फसलों की हानी हो सकती है।
क्या है फसल चक्र का सिद्धांत
आपको यह भी जानना जरूरी है कि फसल चक्र का सिद्धांत क्या होता है। किसानों को चाहिए कि वे अपनी खेती के आकार अपने बजट और उपलब्ध साधनों के आधार पर ही फसल चक्र के सिद्धांत का पालन करें। यह जरूरी नहीं है कि आपको हर चीज को जरूरत से ज्यादा बोना है। आप अपनी क्षमता के अनुसार ही फसल चक्र को अपनाएं।
(स्रोत-कृषि वैज्ञानिकों से चर्चानुसार)