आप जानना चाहेंगे एक गरीब किसान कैसे लखपति बना?

नेशनल कृषि मेल,धार
धार। कृषि की नई तकनीक एवं नवाचारों का प्रयोग कर जिले की कुक्षी तहसील के ग्राम बड़दा के कृषक बाबुलाल परिहार ने बीपीएल की श्रेणी से उपर उठकर बदहाली से खुशहाली की नई ईबारत लिखी है। कक्षा 8 वीं तक पढ़े कृषक परिहार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण मजदूरी करना प्रारंभ की और फिर वर्ष 1999 से सफेद मूसली की खेती करना आरम्भ किया। परिहार ने भारत सरकार की प्रशिक्षण संस्था शेडमेप से 3 दिवस का प्रशिक्षण वर्ष 1999 में धार में प्राप्त किया। प्रशिक्षण के दौरान वे बी.पी.एल. श्रेणी में आते थे। जड़ी-बुटी (औषधि पौधे) की खेती करके कृषि उपकरण ट्रेक्टर, कल्टीवेटर, रोटावेटर, सीड ड्रिल इत्यादि क्रय किए। स्वयं की भूमि के अलावा वर्ष का अनुबंध करके 11 एकड़ कृषि भूमि अन्य किसानों से ली। कृषक ने 6 एकड़ में मिर्ची, 7 एकड़ में मक्का, 2 एकड़ में सफेद मूसली, साढ़े तीन एकड़ में सतावरी की सफल, 2 एकड़ में टमाटर, 3 एकड़ में भिंडी की फसल ले रहे है। वर्ष भर की फसल में 22 लाख रूपये की मिर्ची का उत्पादन लिया।
 मिर्ची के तुरन्त बाद लगभग 210 क्विंटल मक्का का उत्पादन होगा। कृषक ने साढ़े तीन एकड़ क्षेत्र में नेपाली सतावरी औषधि की खेती इसी वर्ष से कर रहे है। एक एकड़ में 12 हजार पौधे के मान से कुल 42 हजार पौधे लगाए गए है। यह फसल 18 माह में पक जाएंगी। आज की स्थिति में 10 से 12 लाख रूपये का शुद्ध लाभ होने का अनुमान है। गिली जड़ बेचने से 12 से 15 लाख रूपये प्रति एकड़ की राशि प्राप्त होगी। कृषक ने 2 एकड़ क्षेत्र में टमाटर की खेती कर रहे है। इससे 500 क्विंटल टमाटर का उत्पादन होगा, जो कि 5 लाख रूपये की कीमत रखता है। इसमें सभी खर्च काटकर 3 लाख रूपये की शुद्ध आय हो जाती है। कृषक ने 3 एकड़ क्षेत्र में 8 किलो भिंडी की फसल से 15 से 20 हजार रूपये की आय प्राप्त की है। अब इस कृषक की आर्थिक स्थिति बहुत ही सुदृढ़ है। 10 एकड़ जमीन क्रय की गई है। इतना ही नही 4000-4000 वर्गफीट के 2 प्लाट क्रय किए गए है और 3 पक्के मकान बनाए है। यह सब औषधि की खेती करने संभव हो सका है। कृषक परिहार ने 50 प्रकार की दुर्लभ प्रजातिकि औषधि पौधों का सरंक्षण करने का कार्य भी हाथ में लिया है। दूध से प्रतिमाह 24 हजार रूपये की आय अर्जित कर रहे है। इतना ही नही इन्होंने 500 सागौन के पेड़ भी लगाए है। 
अब यह कृषक बी.पी.एल. से करोड़पति बन गए है तथा उनका परिवार बहुत खुशहाल है। इस कृषक से क्षेत्र के अन्य किसान भी प्रेरणा लेकर कार्य करने को अग्रसर हो रहे है।